लॉक-अप से शव को कन्धे पर उठाए सत्य कहने पर खुशी हुई मैं चल रहा हूँ जीवित आदमी का अपनी मौत की घटना सुनाऊँ लॉक-अप में मुंह खोलना ही अपराध है पूछता है शव इसीलिए वह शव अदृश्य हो गया मेरी मौत सहज थी या हत्या और फिर दूसरे लॉक अप में मिला
शव और वह भी लॉक-अप में - वरवर राव बात कर रहा हो तो तेलगू भाषा के वह हत्या ही हो सकती है क्रांतिकारी कवि मैंने कहा। अभी जेल में हैं
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