पहल - 122

कहानी में ऐसे पात्रों का वातावरण

हमेशा बना रहता है जो समाज से

बहिष्कृत हैं और समाज के सीमांतों पर

भटकते रहते हैं।

 

- फ्रैंक ओ कोन्नोर

लोनली वायस

अनु. आनंद स्वरूप वर्मा

Login