पहल - 118

'इस दुनिया की हड्डियाँ खोल कर भी

समस्या सुलझ नहीं सकती

यह लाभ-लक्ष्य की अर्थवादिनी सत्ता की

अनिवार समस्या है'

         (चुप रहो, मुझे सब कहने दो)

                 गजानन माधव मुक्तिबोध

 

 

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