पहल - 116

बाज़ा

 

आह क्या जगह है

जहाँ ईश्वर

पके फल की तरह

जमीन पर गिरा

और बिखर गया

 

- मुइसेर येनिया

तुर्की भाषा की युवा कवियत्री

अनु: मणि मोहन

 

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