पहल - 115

हररातरोनाजरूरीनहीं

संभवहैपृथ्वीपरेलेहीुर्सीलगाबैठेरहनापड़े

बचीहुईसारीउम्र

हमेशाहीिसीसाथहोनाजरूरीनहीं।

 

प्रभात (2007)

इसअंमेंप्रभातविताएंदेखेंगे

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